तेरी यादें उदास करती हैं!
After School Time 25 April 2014
उसे मुझसे प्यार नही, फिर भी उस पर मरता हू
रोता हू, ताड़पता हू, पल-पल आहे भरता हू
टूट जाता हू शीशे की तरह
उसकी नफ़रत से ही मैं जुड़ता हू!
जब मैं स्कूल लाइफ मैं था जब मुझे मीनू से बहुत प्यार था और अब भी मैं मीनू को बहुत प्यार करता हू जिसे मैं शब्दो में बया नही कर सकता| मैं नेहा को बहुत प्यार करता हू लेकिन आज तक मैने उसे अपने प्यार का इज़हार नही किया| 25 मार्च को मेरी उससे अंतिम मुलाकात हुई थी यानी आज मुझे पूरा एक महीना हो गया है उससे अलग हुए पर उससे अलग हो कर भी उसके बेहद करीब हू| उसकी याद मुझे हर पल आती है, चाहे कितनी भी कोशिश कर लू अपने आप को खुश रखने की पर उसकी ही यादो के नशे में डूब जाता हू और ये नशा उतरता ही नही है| सब कुछ होते हुए भी कुछ नही
है मेरे पास
कभी-कभी तो खुद से है बाते करने लग जाता हू, जो ना मुमकिन है वो सपने देखने लग जाता हू
मुझे पता है नही मिलने वाला मुझे फिर भी वही आके रुक जाता हू| उसकी याद जो मुझे उदास करती है, कितना ही भाग लू उसकी यादो से लेकिन तडपा ही जाती है, चाहे कही भी चला जाऊ ये तो परछाई की तरह पीछे आती है| इसलिए भागना ही छोड़ दिया मैं देखना चाहता हू कितना दर्द दे सकती है मुझे
आ सकती हो तो आ जाओ मेरी ज़िंदगी में जो मैने तेरे नाम लिख दी है,
इस दर्द के सामने. बेअसर है हर वो दावा जो दुकानो में बिकती है!
After School Time 25 April 2014
उसे मुझसे प्यार नही, फिर भी उस पर मरता हू
रोता हू, ताड़पता हू, पल-पल आहे भरता हू
टूट जाता हू शीशे की तरह
उसकी नफ़रत से ही मैं जुड़ता हू!
जब मैं स्कूल लाइफ मैं था जब मुझे मीनू से बहुत प्यार था और अब भी मैं मीनू को बहुत प्यार करता हू जिसे मैं शब्दो में बया नही कर सकता| मैं नेहा को बहुत प्यार करता हू लेकिन आज तक मैने उसे अपने प्यार का इज़हार नही किया| 25 मार्च को मेरी उससे अंतिम मुलाकात हुई थी यानी आज मुझे पूरा एक महीना हो गया है उससे अलग हुए पर उससे अलग हो कर भी उसके बेहद करीब हू| उसकी याद मुझे हर पल आती है, चाहे कितनी भी कोशिश कर लू अपने आप को खुश रखने की पर उसकी ही यादो के नशे में डूब जाता हू और ये नशा उतरता ही नही है| सब कुछ होते हुए भी कुछ नही
है मेरे पास
कभी-कभी तो खुद से है बाते करने लग जाता हू, जो ना मुमकिन है वो सपने देखने लग जाता हू
मुझे पता है नही मिलने वाला मुझे फिर भी वही आके रुक जाता हू| उसकी याद जो मुझे उदास करती है, कितना ही भाग लू उसकी यादो से लेकिन तडपा ही जाती है, चाहे कही भी चला जाऊ ये तो परछाई की तरह पीछे आती है| इसलिए भागना ही छोड़ दिया मैं देखना चाहता हू कितना दर्द दे सकती है मुझे
आ सकती हो तो आ जाओ मेरी ज़िंदगी में जो मैने तेरे नाम लिख दी है,
इस दर्द के सामने. बेअसर है हर वो दावा जो दुकानो में बिकती है!

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